तेरा जीवन देश के खातिर, और देश तेरा ऋणी हैं ! तेरा जीवन देश के खातिर, और देश तेरा ऋणी हैं !
वर्दी जब करती दुश्मन को ललकार ललकार सुनकर अरि करे नानी याद वर्दी जब करती दुश्मन को ललकार ललकार सुनकर अरि करे नानी याद
हम करते हैं अपनी मनमानी और दोष दूसरे पर मढ़ देते हैं हम करते हैं अपनी मनमानी और दोष दूसरे पर मढ़ देते हैं
देश की आबरू बचाने की खातिर सोता नहीं हूँ रात भर, अपनों से दूर, मैं पहरा देता हूँ वीरान सरहदों पर...... देश की आबरू बचाने की खातिर सोता नहीं हूँ रात भर, अपनों से दूर, मैं पहरा देता हू...
कल तक सिर्फ तेरी थी मैं माँ आज पूरे देश की हूं। कल तक सिर्फ तेरी थी मैं माँ आज पूरे देश की हूं।
देश की सरहद पे अपनी जान देने तोड़कर हमसे वो वादा जा रहा है। देश की सरहद पे अपनी जान देने तोड़कर हमसे वो वादा जा रहा है।